भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कराची के पुराने गोलिमार क्षेत्र के हिंदू श्मशान घाट में वर्षों से अस्थि कलशों में रखीं 400 हिंदू मृतकों की अस्थियां सोमवार (3 फरवरी) को अमृतसर के वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचीं। महाकुंभ योग में वीजा मिलने के बाद हरिद्वार में विसर्जन का रास्ता साफ हुआ। आपको बता दें पड़ोसी मुल्क में ये अस्थियां करीब 8 साल से श्मशान में रखी थीं। ये लोग इन अस्थियों को हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित करना चाहते हैं। साथ ही महाकुंभ में प्रयागराज जाकर पवित्र स्नान करने की भी इच्छा रखते हैं।
जानकारी के मुताबिक यह पहली बार नही है जब पाकिस्तान से हिंदुओं की अस्थियां भारत लाई गई हो दरअसल ये तीसरी बार है जब विभाजन के बाद पाकिस्तान से हिंदुओं की अस्थियां भारत लाई गई हैं।
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दिल्ली के निगम बोध घाट पर 21 फरवरी तक इन अस्थियों को रखा जाएगा। इन अस्थियों को कराची स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के मुख्य सेवक महंत श्री राम नाथ महाराज लेकर पहुचे। उन्होंने बताया कि इन अस्थियों को गंगाजी विसर्जित करने के लिए मंदिर अथव श्मशानघाट में कलश में सुरक्षित रखा गया था। संबंधित परिवारों की इच्छा थी कि इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाए ताकि सभी की आत्मा को शांति मिले। उन्होने आगे बताया 22 फरवरी को हरिद्वार के कनखल में सीता घाट पर विसर्जन होगा। महंत ने बताया कि अस्थियों को विधि विधान से विसर्जित करने के बाद प्रयागराज में कुंभ स्नान भी करेंगे।
आपको बता दें 1947 के बाद ये तीसरी बार है जब विभाजन के बाद पाकिस्तान से हिंदुओं की अस्थियां भारत लाई गई हैं। पहले 2011 में 135 अस्थियां लाए थे और 2016 में भी 160 अस्थियां लाई जा चुकी हैं। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के संरक्षक रामनाथ ने कहा कि हम कई सालों से भारत सरकार से जो मांग कर रहे थे, पहले पाकिस्तान में मृत्यु को प्राप्त होने वाले लोगों की अस्थियां, वहीं जल प्रवाह की जाती थीं। 2022 में भारत सरकार ने पाकिस्तानी हिंदू परिवारों को गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने की सुविधा प्रदान की। इससे पूर्व स्पांसरशिप पालिसी लागू की गई थी, जिसके अंतर्गत उसकी पाकिस्तानी परिवार को भारत में अस्थियां विसर्जित करने की आज्ञा दी जाती थी, जिनका कोई स्वजन भारत में रहता है।