2027 के आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. पार्टी की नई योजना के केंद्र में दलित और पिछड़ा वर्ग हैं, जो भारत की राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा और प्रभावशाली वोट बैंक माने जाते हैं।
दलित और पिछड़ा वर्ग
BJP की रणनीति का केंद्रBJP ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 2027 के चुनावों में उसकी प्राथमिकता दलित और पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाना और उन्हें पार्टी के साथ जोड़ना है. इसके लिए कई नई योजनाएं और अभियान शुरू किए जाएंगे। आइए जानते भाजपा के प्रमुख फोकस क्षेत्र.सामाजिक समरसता अभियानपार्टी ने दलित और पिछड़े वर्गों के बीच सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है.
सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए पार्टी नेतृत्व इन वर्गों के साथ सीधा संवाद करेगा.योजनाओं का प्रभावकेंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं को दलित और पिछड़े वर्गों तक पहुंचाने में तेजी लाई जाएगी. उज्ज्वला योजना, जन धन योजना, आयुष्मान भारत, और पीएम आवास योजना जैसे कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार इन समुदायों में विशेष रूप से किया जाएगा.
राजनीतिक प्रतिनिधित्वBJP दलित और पिछड़े वर्गों को पार्टी में बड़े पैमाने पर नेतृत्व की भूमिकाएं देने पर जोर देगी. आगामी चुनावों में इन वर्गों के नेताओं को टिकट देकर उन्हें राजनीतिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा.संघ और संगठन की भागीदारीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ मिलकर इन समुदायों में पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. संगठन स्तर पर पिछड़े और दलित वर्ग के कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाई जाएगी.चुनावी रणनीति और विरोधियों को टक्करBJP का उद्देश्य दलित और पिछड़े वर्गों में मजबूत आधार बनाकर विपक्षी दलों के पारंपरिक वोट बैंक को कमजोर करना है.
विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इन वर्गों को साधने की योजना बनाई गई है.विपक्ष की रणनीति को काउंटर करनाकांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जैसे दलों के दलित और पिछड़े वर्गों पर केंद्रित अभियानों का मुकाबला करने के लिए BJP अपने कार्यक्रमों को तेज करेगी. विपक्ष के गठबंधन (INDIA) के संभावित प्रभाव को कमजोर करने के लिए BJP इन वर्गों को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों की रायराजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP का यह कदम काफी रणनीतिक है. भारत की कुल आबादी में दलित और पिछड़ा वर्गों की हिस्सेदारी करीब 60% है, जो चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. BJP इन वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाकर लंबे समय तक सत्ता में बने रहने की योजना बना रही है.चुनावी प्रभावBJP की इस रणनीति से उत्तर भारत के अलावा दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में भी प्रभाव देखने को मिल सकता है. यदि पार्टी इन वर्गों का समर्थन हासिल करने में सफल होती है, तो यह विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.