[Edited By: Punit tiwari]
Wednesday, 27th January , 2021 02:03 pmलखनऊ-समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते ही कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की।
भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है. अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2021
भाजपा अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मानते हुए कृषि-क़ानून तुरंत रद्द करे. #किसान pic.twitter.com/mXEYl6r2zZ
बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते कहा, भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है। अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है। भाजपा अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद्द करे। 26 जनवरी को किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में ट्रैक्टर रैली का आह्वान किया था। गणतंत्र दिवस पर कई जिलों सपाइयों ट्रैक्टर रैली निकाली भी, लेकिन कई जगह सपाइयों और पुलिस में नोंकझोंक भी हुई।
वहीं ,समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर स्पष्ट कर दिया है कि "भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उससे किसानों के अंदर रोष और ज़्यादा बढ़ गया" । जिन लोगों का चेहरा सामने आ रहा है उनका फोटो किसके साथ है ? क्या यह सच नहीं है कि आदरणीय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी के साथ उनका फोटो है । अगर सरकार ईमानदारी से जांच करवा लें तो किसानों के आंदोलन को बदनाम करने में आरएसएस और बीजेपी की फंडिंग नजर आएगी । किसानों के आंदोलन में पूरा देश उसी तरह से धीरे-धीरे खड़ा हो गया है जैसे अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में । भारतीय जनता पार्टी के अंदर थोड़ी भी नैतिकता अगर बची है तो वह तीनों काले कानून फौरन वापस ले