जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने यानि अनुच्छेद 370 हटाए जाने को एक साल पूरा हो गया। इस बीच बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक महिला कार्यकर्ता रूमीसा रफीक ने बेखौफ होकर दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के लाल चौक पर भारतीय ध्वज काफी देर तक फहराया है। यह तस्वीर आज चर्चा की विषय बन गई है। अनंतनाग आतंकवाद का गढ़ कहा जाता है।
इससे पहले प्रशासन ने पूरे घाटी में कर्फ्यू लगा दिया क्योंकि आशंका थी कि पांच अगस्त को अलगाववादी व पाकिस्तान प्रायोजित संगठन इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाने के साथ-साथ हिंसक प्रदर्शन भी कर सकते हैं। घाटी में पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है ताकि सुनिश्चित हो सके कि शांति भंग करने की अलगाववादियों की मंशा कामयाब न हो।
पुलिस का कहना है कि लोगों से कानून का उल्लंघन नहीं करने और घरों के भीतर रहने का आग्रह किया गया है। श्रीनगर शहर समेत कश्मीर के सैकड़ों स्थानों पर अवरोधक लगाए गए हैं ताकि आवश्यक एवं आपात सेवाओं की आवाजाही को नियमित किया जा सके जबकि कोन्सर्टिना तारें भी बिछाई गई हैं।
जम्मू कश्मीर से पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पथराव की घटनाओं में कमी और अलगाववादी नेताओं की लगातार धरपकड़ केंद्रशासित प्रदेश में हिंसा में लगातार कमी आने के प्रमुख कारक हैं। पिछले एक साल में अलगाववादी समूहों ने ना ही किसी बंद का आह्वान किया है। अलगाववादी समूहों के अनेक मुख्य नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ये समूह निष्क्रिय हो गए हैं।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्रदत्त विशेष प्रावधान को पिछले साल पांच अगस्त को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था।