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सावधान-ओमिक्रान भारत में पैर पसार रहा,अब तक 11 राज्यों में मिले मरीज

[Edited By: Vijay]

Thursday, 16th December , 2021 05:49 pm

भारत में कोरोना वायरस का खतरनाक स्वरूप ओमिक्रॉन अब 11 राज्यों में फैल चुका है। बुधवार को ओमिक्रॉन स्वरूप के केरल में चार, महाराष्ट्र में चार, तेलंगाना में दो और पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में एक-एक नए मरीजों के साथ एक दिन में कुल 12 मरीजों की पुष्टि हुई। जबकि आज दिल्ली में ओमिक्रॉन के चार और मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या 77 हो गई है

ओमिक्रॉन स्वरूप ने बुधवार को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी दस्तक दे दी। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सात वर्षीय एक बच्चा ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया। वह हाल ही में अबू धाबी से लौटा था। वहीं, तमिलनाडु में 47 वर्षीय व्यक्ति नाइजीरिया से अपने परिवार के छह लोगों के साथ आया है। उधर, तेलंगाना में भी बुधवार को दो विदेशी नागरिकों में ओमिक्रॉन का संक्रमण पाया गया। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. जी श्रीनिवास राव ने कहा, बिना जोखिम वाले देशों से दो संक्रमित 23 वर्षीय पुरुष सोमालिया और 24 वर्षीय महिला केन्या से आई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में 32, राजस्थान में 17, दिल्ली में 6, कर्नाटक में 3, गुजरात में 4, केरल में 5, तेलंगाना में 2 और पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ व तमिलनाडु में एक-एक संक्रमित हैं।

देश में कुल मामलों में सिर्फ 0.25% ही सक्रिय केस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि बीते 24 घंटे में 6984 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। 247 मरीजों की मौत हुई है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 87,562 हो गई है जो अब तक मिले कुल मामलों में से सिर्फ 0.25 फीसदी है।  

नए वैरिएंट के कारण टीकाकरण में असमानता की स्थिति का खतरा

कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के लिए नई समस्या बनकर तैयार हो रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन मैत्री संस्था गावी ने कहा है कि ओमिक्रॉन स्वरूप असमानता की स्थिति पैदा कर सकता है। वायरस के नए स्वरूप से  दुनिया के संपन्न देश फिर से टीकों का भंडारण कर रहे हैं और दान प्रक्रिया को रोक रहे हैं जिससे विकासशील देशों में स्थिति विकट हो सकती है।

गावी के चीफ एक्जक्यूटिव डॉ. सेठ बर्कले ने कहा ओमिक्रॉन स्वरूप की दस्तक के बाद गावी को संपन्न देशों से होने वाले टीकों की आपूर्ति की व्यवस्था लड़खड़ा गई। ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद कुछ देश दहशत में हैं।  ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर देशों में टीकाकरण की व्यवस्था का बेपटरी होना तय है।

टीका दान करने से कतरा रहे देश...

डॉ. बर्कले ने कहा कि हम देख रहे हैं कि दानकर्ता अब टीका तेजी से दान देने में कतरा रहे हैं। संभव है कि वे अनिश्चितता के दौर के देखकर टीके की आपूर्ति करने से कतरा रहे हैं। सबसे बड़ी मुश्किल तब होगी जब वायरस के इस स्वरूप से बचने के लिए नए टीके की जरूरत होगी।

 

 

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