कानपुर में कोरोना के बाद अब वायरल फीवर का हमला तेज हो गया है। यह वायरल सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित कर रहा है। हैलट के बाल रोग विभाग समेत निजी अस्पतालों और क्लीनिक में बाल रोगियों की लाइन लगी है। इस वायरल संक्रमण के बाद फेफड़े में जकड़न हो जा रही है।
ऐसे बाल मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। इस वजह से हैलट के बेड फुल हो गए हैं। एक-एक बेड पर दो-दो बच्चों को लिटाकर इलाज किया जा रहा है। भीड़ की वजह से कई बच्चों को बगैर देखे ही लौटा दिया जा रहा है। हैलट के बाल रोग विभाग में 120 बेड हैं, जबकि वर्तमान में 150 बच्चे भर्ती हैं।
रोजाना सैकड़ों बच्चों को परिजन ओपीडी में दिखाने ला रहे हैं। ज्यादातर बच्चों में एक ही जैसे ही लक्षण मिल रहे हैं। बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव का कहना है पिछले एक माह से ओपीडी में केस डेढ़ गुना बढ़े हैं। पहले रोजाना औसतन 100 बच्चों की ओपीडी होती थी, जो अब बढ़कर डेढ़ सौ पहुंच गई है। बताया कि ज्यादातर में डायरिया और सांस की समस्या मिल रही है।
पेट दर्द से कराह रहे बच्चे को बिना देखे लौटाया
अकबरपुर निवासी हलीम आठ वर्षीय बेटे शाहिम को एंबुलेंस से हैलट के बाल रोग विभाग लेकर पहुंचे। पेट दर्द से कराह रहे शाहिम को एंबुलेंस चालक गेट पर ही उतार कर चला गया। हलीम बेटे को लेकर इमरजेंसी पहुंचे। उसकी गंभीर हालत देखकर सभी बेड फुल होने की बात कहकर डॉक्टर ने बिना जांच के लौटा दिया।
बाहर से मंगाई जा रहीं दवाएं
कानपुर मे रोगियो की लगातार संख्या बढ़ने से दवाओं को मिलने में भी मुश्किल आ रही है, अब दवाये बाहर से मंगाई जा रही है , सभी पैरेन्ट्स अपने बच्चों का विशेष ख्याल रखे उन्हे गंदगी मे खेलने न दे, सफाई का विशेष ध्यान दे ..फिनैल से घर मे पोछा लगायेे और बच्चों को बाहर की चीजे न दे ..
पूरे उत्तर प्रदेश में डेंगू बुखार का कहर जारी है जिससे सभी जगह के ओपीडी और बेड लगातार भरे हुये है, पौष्टिक और गरम खाना खाये, बाहर निकलने से जितना हो सके बचे..