- प्रयागराज महाकुंभ में बनाए गए बांस के कॉटेज
- रिज़ॉर्ट के सारे कॉटेज असम के मुरली बांस से किए गए तैयार
- रिज़ॉर्ट के सारे कॉटेज आधुनिक सुविधाओं से लैस
- आयोजन को भव्य बनाने के लिए हर कोई अपना योगदान दे रहा
- महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना
- महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी
महोत्सव 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। यानि कि महाकुंभ का पर्व 45 दिनों तक चलेगा। आपको बता दें 2025 के इस महाकुंभ मेले में कई वीआईपी, वीवीआईपी, करोड़पति, साधु-संत शामिल हो रहे हैं। इस मेले में करोड़ों लोगों के आने की उम्मीद है। करोड़ों साधु-संतों और भक्तों का यह हिंदू धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होने वाले इस महाकुंभ में भाग लेने के लिए लोग देश के कोने-कोने से आते हैं.
महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं….वहीं इस भव्य आयोजन में हर कोई अपनी ओर से योगदान दे रहा है। महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है इसलिए शहर में रहने के लिए अलग-अलग सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है….ताकि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को रात गुजारने में कोई परेशानी न हो….इसी कड़ी में अलर्कपुरी संगम रिज़ॉर्ट ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बांस कॉटेज का निर्माण किया है….इस रिज़ॉर्ट के सारे कॉटेज असम के मुरली बांस से तैयार किए गए हैं
प्रयागराज महाकुंभ में बांस के कॉटेज की क्या खासियत है, बांस के तंबू को विशेष रूप से महाकुंभ मेले की भीड़ और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. रिज़ॉर्ट के सारे कॉटेज आधुनिक सुविधाओं से तैयार किया गया है। ये तंबू प्राकृतिक बांस और कपड़े से बने होते हैं, जो पूरी तरह इको-फ्रेंडली हैं. बांस की मजबूती के कारण ये तंबू हवा और हल्की बारिश में भी टिकाऊ होते हैं. इसके अंदर आरामदायक बिस्तर, बिजली की व्यवस्था, व्यक्तिगत चार्जिंग पॉइंट, स्वच्छता के लिए अटैच शौचालय, गर्म पानी की सुविधा जैसी कई दूसरी चीज़ें भी होंगी. अगर आप यहां स्टे करना चाहते हैं तो आपको 2 ऑप्शन मिलेंगे पहला साधारण तंबू होगा जो बेसिक सुविधाओं के साथ है. दूसरा लग्जरी तंबू है जिसमें रहकर आप शाही महसूस करेंगे. रिज़ॉर्ट के सारे कॉटेज असम के मुरली बांस से किए गए तैयार,