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उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों में चुनाव की तारीखों की घोषणा 9 या 10 अप्रैल को, सपा ने फंसाया पेंच

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 8th April , 2023 01:22 pm

उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों में चुनाव की तारीखों की घोषणा 9 या 10 अप्रैल को हो सकती है। निकाय चुनाव के लिए सीटों के अंतिम आरक्षण पर आपत्तियों के निस्तारण की कार्यवाही शुक्रवार देर रात तक जारी रही। इस पर शनिवार को भी काम चल रहा है। नगर विकास विभाग निकाय चुनाव के लिए अंतिम आरक्षण की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है।

मेयर और अध्यक्ष पद की आपत्तियां स्थानीय निकाय निदेशालय में निस्तारित की जा रही हैं। वहीं पार्षद व सदस्य पद की आपत्तियां जनपदों में निस्तारित करने का काम तेजी से चल रहा है। कई जनपदों से आपत्तियां निस्तारण की सूचना नहीं पहुंचने के कारण आरक्षण की अधिसूचना शुक्रवार को जारी नहीं हो सकी। संभावना जताई जा रही है कि आरक्षण की अधिसूचना रविवार देर शाम या सोमवार को जारी हो सकती है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग तत्काल चुनाव कार्यक्रम घोषित कर सकता है।

निकाय चुनाव को लेकर विभाग ने अंतिम आरक्षण जारी करते हुए उस पर 6 अप्रैल तक आपत्तियां मांगी थी। इसके बाद आपत्तियों के निस्तारण को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश आपत्तियां आरक्षण के नियम को लेकर की गई हैं। विभागीय मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सभी आपत्तियों का गहन अध्ययन कर निस्तारण के निर्देश दिए हैं, जिससे अब चुनाव को लेकर किसी तरह की कानूनी अड़चन का सामना नहीं करना पड़े।

समाजवादी पार्टी की ओर से सीटों के आरक्षण पर जताई गई आपत्तियों पर नगर विकास विभाग को जमकर मशक्कत करनी पड़ी। सपा की ओर से जताई गई प्रत्येक आपत्ति के निस्तारण के लिए विधिक राय भी ली गई। प्रत्येक आपत्ति का निस्तारण करते हुए उसका जवाब भी दिया जाएगा। देर रात तक सपा की आपत्तियों के निस्तारण की कार्यवाही चलती रही। विभाग की ओर से आपत्तियों का निस्तारण कर चरणबद्ध तरीके से अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

उप्र नगरीय नगर निकाय चुनाव में इस बार प्रत्याशी ज्यादा खर्च कर पाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा दी है। पिछले चुनाव में नगर निगम महापौर पद पर चुनाव में खर्च की सीमा 25 लाख रुपये थी। इस बार नई सीमा तय की गई है। जिस निगम में 80 से ज्यादा वार्ड हैं वहां महापौर प्रत्याशी 40 लाख रुपये और 80 से कम वार्ड वाले नगर निगम में महापौर के उम्मीदवार 35 लाख रुपए तक खर्च कर पाएंगे। पार्षद ढ़ाई लाख की बजाय इस बार तीन लाख रुपये खर्च कर पाएंगे। इस तरह नगर पालिका में जहां 25 से 40 वार्ड हैं वहां अध्यक्ष उम्मीदवार पहले 6 अधिकतम छह लाख खर्च कर सकते थे। अब 9 लाख तक खर्च कर सकेंगे। 41 से 55 वार्ड की नगर पालिका में दावेदार 8 लाख की बजाय 12 लाख खर्च कर सकेंगे। सभासद 1।5 की बजाय 2 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भी अधिकतम खर्च सीमा 1।5 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये जबकि सदस्य के लिए 30000 से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दी है।

महापौर पद के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र का मूल्य एक हजार रुपये, जमानत राशि 12000 रुपये, पार्षद के लिए मूल्य 400 रुपये एवं जमानत राशि 2500 रुपये तय की गई है। एससीएसटी, महिला एवं ओबीसी वर्ग के लिए महापौर पद के नामांकन पत्र का मूल्य 500 रुपये तथा जमानत राशि 6000 रुपये, पार्षद के लिए 200 एवं 1250 रुपये तय की गई है। नगर पालिका अध्यक्ष के लिए नामांकन पत्र की कीमत सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपये, जमानत राशि राशि 8000 रुपये, एससीएसटी, महिला ओबीसी के लिए 250 एवं 4000 रुपये तय की है। सदस्य के लिए सामान्य के लिए 200, जमानत राशि 2000, एससीएसटी, महिला एवं ओबीसी के लिए 100 एवं 1000 रुपये तय किया गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद में सामान्य वर्ग के लिए नामांकन पत्र की कीमत 250 रुपये, जमानत राशि 5000 रुपये, एससीएसटी महिला एवं ओबीसी वर्ग के लिए नामांकन पत्र का मूल्य 125 तथा जमानत राशि 2500 रुपये तय की है। सदस्य के लिए इसी तरह सामान्य के लिए 100 रुपये, 2000 रुपये, एससीएसटी, महिला ओबीसी के लिए 50 एवं 1000 रुपये तय किए गए हैं।

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