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अमेजन कर रहा प्रतिबंधित सामानों की होमडिलवरी- कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 23rd November , 2021 02:53 pm

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन अब भी अपने पोर्टल पर उन सामानों की बिक्री कर रही है जो भारत में प्रतिबंधित है। अमेजन ने ही आंतकियों को अमोनियम नाइट्रेट सहित अन्य वो सामानों की डिलीवरी की जिसे भारत में बेचने पर पाबंदी है।

इन सामानों की मदद से आंतकियों ने पुलावामा घटना को अंजाम दिया। जिससे हमारे 40 सैनिक शहीद हुए। एनआइए की जांच में इसका खुलासा हो चुका है। वहीं, अब अमेजन भारत में प्रतिबंधित मारिजुआना (गांजा) की होम डिलीवरी कर रहा है। यह कहना है कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया का।

विशाखापट्टनम में पकड़ा गया गांजा

प्रवीण खंडेलवाल और सुरेश सोंथालिया के अनुसार पुलिस ने अब तक मध्य प्रदेश के भिंड और विशाखापट्टनम में अमेजन द्वारा अवैध रूप से गांजा बेचने की जानकारी मिल चुकी है। 20 नवंबर को ही विशाखापट्टनम की पुलिस ने 48 किलोग्राम गांजा बरामद करते हुए एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। साथ ही दो डिलीवरी ब्वॉय को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश की पुलिस भी 17 किलोग्राम गांजा बरामद कर चुकी है। कैट ने भिंड व विशाखापट्टनम पुलिस से एनडीपीएस अधिनियम की धारा 38 के तहत माममला दर्ज करने की मांग की है।

अमेजन बन चुकी है गांजा कंपनी

कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने अमेज़न को गांजा कंपनी बताते हुए सरकार से मांग की कि अमेज़न द्वारा लगातार की जा रही अवैध बिक्री के पैमाने को ध्यान में रखते हुए तुरंत इसके भारतीय ऑपरेशन को निलंबित कर देना चाहिए। साथ ही अवैध रूप से माल बेचने के लिए अमेजन के संचालक को भी निलंबित करना चाहिए। साथ ही कंपनी और उनके अधिकारियों पर देशद्रोह का मुकमदा दर्ज किया जाना चाहिए। प्रवीण व सुरेश ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। साथ ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी तत्काल ई-कॉमर्स नियम, ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है ताकि भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के आचरण को विनियमित किया जा सके।

दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों की कार्य प्रणाली की भी हो जांच

कैट ने केंद्र सरकार से अमेज़न सहित दूसरी सभी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार मॉडल की गहन जांच करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर प्रतिबंधित वस्तुओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की कोई बिक्री या संचालन तो नहीं किया जाता है। साथ ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निषिद्ध वस्तुओं की बिक्री में शामिल बाज़ार संस्थाओं की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। प्रवीण व सुरेश का कहना है कि देश में किसी विशिष्ट कानून के अभाव में ई-कॉमर्स कंपनियां अवैध गतिविधियों का संचालन कर ई-कॉर्स व्यवसाय के खोखलेपन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों की भूमिका सवालों के घेरे में है। इस सनसनीखेज मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा रखी गई चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। यह अत्यंत खेद की बात है कि इस तथ्य के बावजूद कि कैट और अन्य संगठनों ने गंभीर शिकायतें की हैं लेकिन किसी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब ई-कॉमर्स व्यवसाय के प्रस्तावक कहां हैं जो इन कंपनियों को लाभ देने में जोर-शोर से लगे थे और अब इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों हैं।

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