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अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 22nd April , 2023 04:27 pm

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार का इस वक्त एक भी बयान काफी मायने रखता है। बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके हर एक बयान पर सभी की नजरें हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उनका कहना है कि बीजेपी को साल 2014 और 2019 में केवल पीएम मोदी की वजह से ही जीत मिली थी। महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में मचे सियासी घमासान के बीच अजीत पवार ने अहम बयान दिया है। अजीत पवार ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के इंतजार करने के बजाय एनसीपी सीएम पद के लिए अभी दावा कर सकती है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह 100 फीसदी राज्य का सीएम बनना पसंद करेंगे। अजीत ने कहा, "मैंने सुना था कि जून 2022 से पहले शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ अपने विद्रोह से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं और उनके दिमाग में कुछ चल रहा है।"

अजित पवार ने पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ के कार्यक्रम में कहा कि नरेंद्र मोदी का करिश्मा है। अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से जो मुमकिन नहीं हुआ वो नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया। 1984 के बाद साल 2014 में देश में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह को सरकार बनाने के लिए अन्य दोनों का सहारा लेना पड़ा, लेकिन 2014 में मोदी ने करिश्मा कर दिखाया।

पवार ने आगे कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन अब उनके (मोदी) बाद कौन का सवाल जब आता है तो कोई दूसरा नाम नजर नहीं आ रहा है। जब उनसे सवाल किया गया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को उपमुख्यमंत्री का पद इतना पसंद क्यों है? इसपर उन्होंने कहा कि एसीपी को उपमुख्यमंत्री पद का आकर्षण नहीं। साल 2004 में सीएम का पद मिले उतनी सीट, उतना आशीर्वाद महाराष्ट्र की जनता ने हमे दिया था, लेकिन राजनीतिक जीवन में कुछ फैसले बड़े लेवल पर बैठे हुए नेता लेते हैं, जिनके फैसले को आपको मानना होता है।

अजीत पवार से पूछा गया कि एनसीपी को डिप्टी सीएम पद से इतना लगाव क्यों है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "साल 2004 में एनसीपी और कांग्रेस ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था और एनसीपी ने अधिक सीटें जीतीं। उन्होंने कहा, "हमें 71 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस ने 69 सीटें जीतीं। कांग्रेस समेत सभी ने सोचा कि सीएम एनसीपी से होगा, लेकिन दिल्ली से एक संदेश आया कि एनसीपी को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा।"

अजीत पवार ने कहा कि उनके सहयोगी पाटिल को विधानसभा के नेता के रूप में चुना गया था। अगर एनसीपी को शीर्ष पद दिया जाता तो वह 2004 में मुख्यमंत्री बनते। उन्होंने कहा कि बाद में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को एनसीपी से अधिक सीटें मिलीं। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का पद अपने पास रखा।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कांग्रेस के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण या शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे के साथ काम करने में मजा आया, जिन्होंने नवंबर 2019 से जून 2022 सीएम पद संभाला। इसके जवाब में अजीत पवार ने कहा कि उन्हें पृथ्वीराज चव्हाण के साथ काम करके मजा नहीं आया, उन्होंने उद्धव के साथ खुशी से काम किया।

जब अजित पवार से पूछा गया कि क्या वह 2024 में मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करेंगे। इसपर उन्होंने कहा कि 2024 क्यों अगर आप अभी कहें तो भी वह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह 100 प्रतिशत महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे। अजित पवार का यह बयान ऐसे समय आया जब उनकी बीजेपी से करीबी बनाने की अटकलें महाराष्ट्र की सियासत में जोर पकड़ रही हैं। बड़ी खबर यह भी है कि वह शुक्रवार (21 अप्रैल) को मुंबई में एनसीपी के एक दिवसीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए।

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