प्रयागराज महाकुंभ के संगम तट पर ममता कुलकर्णी ने संन्यास की लिया था। संन्यास लेने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाया गया था जिसका जोरो से विरोध हुआ और किन्नर अखाड़े में बड़ी कलह शुरू हो गई। अब ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गय है। दोनों को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ये कार्रवाई की है।
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. उन्होंने महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया. उनके अनुसार, आर्चाय महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी तथा कथित ने असवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकुर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त मिहला जो की फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है. उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया. जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है.
पिंडदान कर बनी थी संन्यासी
बता दें महाकुंभ मे बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने संन्यास लिया था। जिसके बाद उन्हे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गई, एक्ट्रेस ने प्रयागराज में संगम के तट पर पिंडदान किया था। आपको बता दें अखाड़े की परंपरा के अनुसार उन्हे भगवा वस्त्र पहनाए गए उन्हे बैढाकर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनके माथे पर, हल्दी, सिंदूर का टीका लगाया गया फिर उनका दूध से नहलाया गया था। अब कुछ दिन बाद ही कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ये कार्रवाई की है।
शादी के सवाल पर बोली- सब कुछ खत्म
शादी के सवाल पर एक्ट्रेस ने कहा था मैने संन्यास मानव कल्याण के लिए लिया है। और संन्यास लेने के बाद कोई शादी नहीं करता। शादी वाले सवालों पर बोली महामंडलेश्वर बनने के बाद इन सवालों का अंत हो गया। ये सब कुछ खत्म हो गया।