आज प्रयागराज मे महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान है। देर रात हुई भगदड़ के बाद कुंभ की भारी भीड़ प्रसाशन के काबू मे है। मौनी अमावस्या पर सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। अब साधु-संत छोटे-छोटे ग्रुप में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप से संगम स्नान कर रहे हैं। बाते के अखाड़ों के अमृत स्नान पर सुबह रोक लगा दी गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक आज मौनी अमावस्या मे खास मौके पर महाकुंभ में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। सुबह से अब तक करीब 5 करोड़ श्रद्धालु संगम मे आस्था की डुबकी लगा चुके है। बताया जा रहा है कि इस समय भी महाकुंभ मे लगभग 9 करोड़ श्रद्धालु है। मौनी अमावस्या पर सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। साधु-संतों ने स्नान के दौरान, जयकारों के साथ हाथों मे भाला, और तलवार लहराते दिखे। पहले भगदड़ के कारण सुबह शाही स्नान को रद्द करने की घोषणा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र गिरी की ओर से की गई थी।
हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ से बातचीत और व्यवस्थाओं के ठीक होने पर शाही स्नान करने का फैसला हुआ। इसके बाद प्रशासन से मिले शेड्यूल के अनुसार अखाड़ों का जत्था स्नान के लिए पहुंच रहा है। अब एक के बाद एक 13 अखाड़े अमृत स्नान करेंगे।
अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। नागा साधुओं के शाही स्नान जुलूस के दौरान हमेशा बड़ी संख्या में श्रद्धालु दोनों तरफ दिखाई दिए। हालांकि इस बार भगदड़ की घटना के कारण वह दृश्य देखने को नहीं मिला पाया। जुलूस के दौरान दोनों तरफ केवल पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान दिखाई दिए। अमृत स्नान के दौरान मार्ग में नागा साधु के अलावा किसी को आने की इजाजत नहीं दी गई।
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज अपने रथ पर निकले। नागा साधुओं ने तलवार लहराईं। जयकारे लगाते हुए संगम घाट पहुंचे। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने भी संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान हेलिकॉप्टर से साधु -संतों और श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई।