असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान में पानी भरने से बड़ा हादसा हो गया। खदान मे छह जनवरी से फंसे आठ खनिकों को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू जारी है। आज शनिवार शनिवार दोपहर तक 3 मजदूरों के शव बाहर निकाले गए हैं। अभी इनमें से 2 की पहचान नहीं हो सकी है। 5 मजदूर अभी भी फंसे है
बता दें 6 जनवरी को राज्य के पहाड़ी जिला डिमा हसाओ के उमरांग्सू से 25 किमी दूर असम-मेघालय के सीमा से 3 किलो मीटर दूर स्थित 300 फुट गहरी कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण खदान में काम कर रहे श्रमिक फंस गए। इन खनिकों के लिए 7 जनवरी से बचाव अभियान शुरू करते हुए इंडियन आर्मी और नेवी के गोताखोर खदान के अंदर गए। अब तक छठे दिन 3 शव बरामद किए गए है इनमें से 2 की पहचान नहीं हो सकी है।
असम कोयला खदान हादसा के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस खदान को 12 साल पहले बंद घोषित किया गया था और यह अवैध नहीं है जैसा पहले संदेह था। सीमा सरमा ने कहा कि छह जनवरी के दिन खदान में पहली बार कोयला निकालने के लिए मजदूर घुसे थे (जब खदान को बंद घोषित कर दिया गया था)। उन्होंने कहा कि खदान 12 साल पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक यह कानूनी तौर पर असम खनिज विकास निगम के अधीन थी।