भारतीय जनता पार्टी में कुछ दिनों से दलित अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। इन चर्चाओं के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस के घेरे में बीजेपी
संसद में बाबा साहेब आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के दिए बयान के बाद कांग्रेस ने भाजपा को घेरे में ले लिया है। कांग्रेस पार्टी अपने आगामी दो दिवसीय वर्किंग कमेटी की बैठक में बाबा साहेब आंबेडकर के सम्मान से जुड़ा प्रस्ताव भी पारित करने जा रही है। इस कंट्रोवर्सी के बीच भाजपा फंसी हुई नजर आ रही है। जाहिर सी बात है कि बीजेपी भी किसी मौके की तलाश में है जिससे वह इससे बाहर निकल सकें। इसी को लेकर बीजेपी में दलित अध्यक्ष बनाए जानो की चर्चाएं तेज हैं।
खड़गे को कांग्रेस पार्टी प्रेसिडेंट का पद
कांग्रेस ने वरिष्ठ दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी प्रेसिडेंट के पदभार दिया, जिसके बाद कांग्रेस के वोट बैंक में दलितों के वोटों में इजाफा देखने को मिला। जाहिर है कि कांग्रेस का यह कदम पार्टी के लिए उपयोगी रहा। अगर बात पुराने चुनावों की करें तो दलितों का वोट दलित राजनीति करने वाली पार्टियों और भाजपा में बंट रहा था। और वहीं 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को दलित वोटर्स का पूरा सहयोग मिला। भाजपा के पास कांग्रेस के इस दांव का कोई जवाब नहीं था, तो ऐसे में भाजपा दलित अध्यक्ष बनाने की तरफ अग्रसर है।
भाजपा में ब्राह्मणों का ग्राफ
भारतीय जनता पार्टी ने दूसरी जाति की तुलना में ब्राह्मणों को ज्यादा पद सौंपे हैं। जिसके चलते भाजपा सवर्ण पार्टी में तबदील होती दिखाई दे रही है। ऐसे में ये जरूरी है कि दलित अध्यक्ष चुना जाए और पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी उसे सौंपी जाए।
RSS करेगा दलित अध्यक्ष का समर्थन
RSS के इतिहास में कोई भी दलित नेता संगठन के बड़े पद पर नहीं पहुंचा है। वहीं बीजेपी में दलित नेता सबसे बड़े पद तक जा चुका है। तो ऐसे में RSS भी भाजपा द्वारा दलित अध्यक्ष बनाए जाने का समर्थन करेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, कई नामचीन चेहरे रेस दलित अध्यक्ष बनने की रेस में आगे दिख रहे हैं। हालांकि भाजपा किसे चुनती है ये कहना आसान नहीं होगा।