संभल के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में एक मंदिर मिला है जो पिछले 46 साल से बंद था, जहां न तो बिजली थी और न ही पानी के आने का कोई प्रबंध था. जैसे ही पुलिस अधिकारियों ने मंदिर को देखा तो सब देखकर चौंक गए.
संभल वो जगह जो कई दिनों से विवादों में है एक बार फिर वहां से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं छेड़ दी है, क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य इलाके में एक मंदिर मिला है जो पिछले 46 साल से बंद था, जहां न तो बिजली थी और न ही पानी के आने का कोई प्रबंध था. जैसे ही पुलिस अधिकारियों ने मंदिर को देखा तो सब देखकर चौंक गए, यहां तक की पुलिस अधिकारियों ने खुद मंदिर की मूर्तियों को साफ करते हुए पूजा पाठ की है.
बिजली चोर तो नहीं मिले लेकिन मंदिर मिल गया
हालांकि मंदिर का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से संभल सुर्खियों में आ गया है, बता दें ये पूरा मामला संभल के नखासा थाना क्षेत्र का है जहां दीपा सराय मोहल्ला में प्रशासन यूं तो बिजली चोरों को ढूंढ रहा था लेकिन इस दौरान प्रशासन को भगवान बजरंग बली मिल गए. अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे हो गया, दरअसल हुआ कुछ यूं की चेकिंग के दौरान पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों के नजर एक ऐसे मंदिर पर पड़ी जोकि पिछले 46 सालों से बंद पड़ा था. मंदिर को देख प्रशासन के होश उड़ गए. जिसके बाद एडिशनल एसपी और संभल के सीओ ने खुद मंदिर की सफाई की और भगवान बजरंग बली को नमन कर आशीर्वाद किया.
1979 से बंद था मंदिर- SDM वंदना
इस मामले में एसडीएम वंदना ने बताया कि हमलोग क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे थे इसी समय हमारी नजर पड़ी की यहां एक मंदिर बंद है. जिसके बाद अधिकारियों ने डीएम की परमीश्न लेकर मंदिर को खोला और उसकी साफ सफाई की. साथ ही एसडीएम वंदना ने बताया कि यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि 1978 से यह मंदिर बंद था. यहां मंदिर परिसर में एक पीपल का पेड़ था जिसको काट दिया गया है. साथ ही यहां एक कुंआ भी हुआ करता था जिसको पाट दिया गया है. उसे खुदवाने के लिए प्रयास किया जाएगा. वहीं प्रशासन के इस काम की चारों तरफ खूब प्रशंसा हो रही है.
अखिलेश ने कसा मंदिर के बहाने BJP पर तंज
एक ओर जहां इस मामले पर सियासत तेज हो गई है तो वहीं दूसरी अखिलेश का भी इस मुद्दे पर बयान सामने आया है, दरअसल एक कार्यक्रम में अखिलेश हर घर में मंदिर होता है. कोई ऐसा घर नही हैं जिसके घर में मंदिर न हो. कई बार देखा है कि पुराने घरो में मंदिर बनाए गए है लेकिन किन परिस्थितियों में मंदिर कहां निकल रहा है. किसका घर था, नहीं पता, हमे खोदना नहीं है. खोद देने वाले लोग देश का सौहार्द खो देंगे. हमे नए रास्ते खोजने है. अगर विकसित भारत बनाना चाहते है तो नए रास्ते खोजिए. ये खोदकर राजनीति बिगाड़ना चाहते है क्योंकि PDA की ताकत से घबराए हुए है जितना PDA एकजुट होगा. उससे बड़े पैमाने पर BJP पॉलिटिक्स करेगी.
#WATCH | Uttar Pradesh: A temple has been reopened in Sambhal.
— ANI (@ANI) December 14, 2024
Patron of Nagar Hindu Sabha, Vishnu Sharan Rastogi claims that the temple has been re-opened after 1978. pic.twitter.com/UQdzODtuYa
मंदिर खुलते ही लगाए गए जय श्रीराम के नारे
वहीं मंदिर के खुलने के बाद संभल के हिंदू लोगों में उत्सुकता और आस्था का माहौल बना हुआ है. लोग खुश है और जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं. अब मंदिर की देखरेख और पुनर्स्थापना की जिम्मेदारी पर चर्चा हो रही है. प्रशासन का यह कदम ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.