गरीबी एक ऐसा मर्ज है जो कि जिसकी जिंदगी में आ जाए उसकी जिंदगी बर्बाद कर देती है. गरीबी जब किसी के जीवन में आती है तो उसे अपनी जीवन का बुरा दौर कहा जाता है. साथ ही ये एक ऐसी समस्या है जिसे सामाजिक, आर्थिक, और व्यक्तिगत कारणों से जोड़ा जा सकता है लेकिन हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत महोत्व हैं. कई ऐसी चीजे है जिनको करके आप अपने घर से गरीबी दूर कर सकते है.
हर इंसान की जिंदगी में गरीबी आने का एक बहुत बड़ा करण वास्तु दोष होता है. हम आपको कई ऐसे कामों के बारे में बताने जा रहे है जिनको हमें घरों में नहीं करना चाहिए जिसके कारण गरीबी आए और मां लक्ष्मी का घर में वाल न हो.
गरीबी आने का सबसे बड़ा कारण है ब्रह्म मुहूर्त में न उठना
ब्रह्म मुहूर्त वह समय होता है जो सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले होता है..यानि की सुबह 3:30 से 5:00 बजे के बीच के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है. इसे विशेष रूप से मन की शांति, मानसिक स्पष्टता, और आत्म-संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.कहते है कि भगवान की पूजा करने के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है. इस समय पर की गई पूजा-पाठ का फल इंसान को जरूर मिलता है हमारे देश के ज्ञानी ऋषि- मुनियों और हमारे ग्रंथों में भी लिखा है कि जो कोई सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जगकर पूजा- पाठ करते है उसके घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.साथ ही उसके जीवन में गरीबी नहीं आती है.
घर में नहीं रखने चाहिए टूटे जूते-चप्पल रखना
घर में अव्यवस्था और अपवित्र चीजों का होना जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. जिसके चलते कहा जाता है कि घर के अंदर “घर में टूटे जूते-चप्पल रखने से गरीबी आती है. इसलिए इनको घर में नहीं रखना चाहिए. वास्तविकता में, यह कथन एक सांस्कृतिक परंपरा या विश्वास का हिस्सा है, और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. लेकिन इस तरह के विचार यह भी सिखाते हैं कि किसी भी चीज की देखभाल और सफाई को प्राथमिकता देना चाहिए, क्योंकि यह हमारे मानसिक और भौतिक वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. घर के पुराने जूते-चप्पल किसी को दान कर सकते हैं
गुरुवार को बाल नाखून काटने से आती है गरीबी
गुरुवार को बाल या नाखून काटने से जुड़ी धारणा हमारे देश में प्रचलित है.देश के सनातन धर्म के मानने वालों लोग इसको मानते है कि इस दिन बाल या नाखून काटने से घर में गरीबी आती है.मान्यता ये है कि गुरुवार का दिन भगवान बृस्पति का दिन होता है. भगवान बृस्पति ज्ञान, समृद्धि और शांति के प्रतीक माने जाते हैं.इस दिन विशेष कार्यों को शुभ नहीं माना जाता, जैसे बाल काटना या नाखून काटना, क्योंकि ये कार्य किसी न किसी रूप में आंतरिक शुद्धता से संबंधित होते हैं, और इस दिन इन्हेंकरने से अपशकुन की संभावना जताई जाती है साथ ही मां लक्ष्मी भी धर से चली जाती है और घर में गरीबी आती है.
पूजा-पाठ न करने से आती है गरीबी
सनातन धर्म से जुड़े कई लोग मानते हैं कि नियमित पूजा-पाठ और धार्मिक क्रियाएँ करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है लेकिन जो लोग पूजा-पाठ नहीं करते है.उनरे घर नाकारात्मकता से भर जाता है और घर में गरीबी के साथ बिमारी भी आने की संभावना बढ़ जाती है. जिसकी वजह से घर में गरीबी आ सकती है.