UP की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि सपा को सिर्फ 2 ही सीटों पर संतोष करना पड़ा, इस दौरान बीजेपी ने सपा के एक ऐसे किले में सेंध लगाई है जहां 31 साल से सपा का कब्जा था,
UP की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी का दम दिखा, बीजेपी ने 7 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की. इस जीत में एक सीट ऐसी भी रही जहां पर 31 साल से सपा का कब्जा बरकरार था. लेकिन CM योगी के फॉर्मूले से न सिर्फ सपा चारों खाने चित हुई बल्कि बीजेपी प्रत्याशी ने भी जीत कर इतिहास रच दिया. बता दें मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा सीट पर BJP ने इतिहास रचते हुए 31 साल का रिकॉर्ड तोड़ा. बीजेपी के प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सपा प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान को हराकर कुंदरकी सीट पर भगवा परचम लहराया. ये जीत न केवल प्रत्याशी रामवीर सिंह के लिए बल्कि बीजेपी के लिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि 1993 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी को कुंदरकी में जीत मिली है. इसी के साथ 31 साल का रिकॉर्ड तोड़कर बीजेपी प्रत्याशी ने करीब एक लाख से अधिक वोटों से सपा के गढ़ को हिलाकर रख दिया है.
सपा को अपने ही गढ़ में मिली करारी हार
यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. जिसमे मुरादाबाद की कुंदरकी समेत कुल 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोट डाले गए. जिसके चलते उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के मजबूत किले कुंदरकी में बीजेपी ने सेंध लगा दी. साल 2002 से इस सीट पर सपा का कब्जा था, लेकिन इस बार बीजेपी ने धमाकेदार जीत दर्ज कर ली है.
जियाउर रहमान बर्क के सांसद बनने पर खाली हुई थी सीट
दरअसल साल 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जियाउर रहमान बर्क विधायक चुने गए थे. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों में उनके संभल सीट से सांसद चुने जाने के बाद ये सीट खाली हो गई. जिसके बाद कुदंरकी सीट पर चुनाव हुए. सपा के पूर्व विधायक मो. रिजवान और बीजेपी के रामवीर सिंह के बीच मुकाबला रहा हालांकि यहां से एएसपी के टिकट पर चांद बाबू, AIMIM के टिकट पर मोहम्मद वारिस और बसपा के टिकट पर रफातुल्लाह चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे थे. बता दें कि 12 में से एक केवल रामवीर सिंह ही हिंदू उम्मीदवार थे. जिन्होने करीब 31 साल बाद बीजेपी के सिंबल से चुनाव जीता है.
9 में से 7 सीटों पर बीजेपी ने किया कब्जा
बता दें मुरादाबाद जिले की कुंदरकी सीट का गणित भी बिल्कुल अलग है. करीब 64 प्रतिशत की अधिक मुस्लिम आबादी वाली विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक हैं. यहां 12 प्रत्याशियों में से केवल एक ही हिंदू प्रत्याशी मैदान में उतरे. जिन्हें बीजेपी ने टिकट दिया और आखिरकार उनका दांव भी सफल हो गया लेकिन ये अब दिलचस्प बात होगी कि 2027 में बीजेपी कितनी सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब होती है या फिर सपा जो सिर्फ 2 सीटों पर उपचुनाव में सिमट कर रह गई वो कुछ कमाल करके दिखा पाती है.