नाक की लड़ाई VS साख की लड़ाई में एक बार फिर सपा ने सीसामऊ सीट पर बाजी मारी, इस बार उम्मीद थी बीजेपी सपा का किला भेद सकती हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और सपा की नसीम सोलंकी ने शानदार जीत दर्ज की. बीते कई सालों से सपा का सीसामऊ सीट पर कब्जा बरकरार है,
सीसामऊ में चली नसीम सोलंकी की आंधी
उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कानपुर की सीसामऊ सीट पर सबकी नजरें थी. यहां काउंटिंग के आखिरी राउंड तक कांटे की टक्कर देखने को मिली. हांलाकि इस सीट पर चौथी बार सपा ने अपना कब्जा जमाया. सपा प्रत्याशी नसीन सोलंकी को 69 हजार 666 वोट मिले तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 61 हजार 037 वोट मिले, जिसके चलते सपा की नसीम सोलंकी ने 8629 वोटों से जीत दर्ज कर ली. दोनों पार्टियों ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया था लेकिन आखिरी में जनता का आशीर्वाद सपा को मिला.
पूर्व विधायक को सजा के बाद सीट हुई थी खाली
आगजनी मामले में सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद यह सीट खाली हुई थी. जिसके बाद सपा ने इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया था. उपचुनाव में सपा प्रत्याशी की जीत के बाद जहां सपाई कार्यकर्ताओं और नेताओं में खुशी की लहर देखने को मिल रही है तो वहीं बीजेपी के गाल फूले हुए हैं
बीजेपी ने झोंकी थी अपनी पूरी ताकत !
हालांकि बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए जमीन-आसमान एक कर दिया था. सीएम योगी ने शहर में 3-3 दौरे किए और बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी के समर्थन में कई रैलियां और जनसभाएं भी की थी. इसके अलावा बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने भी सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क किया लेकिन चुनाव का रिजल्ट उनकी जीत से कोसों दूर रहा,
मुश्किलों के बीच राहत की सांस
सीसामऊ सीट पर जीत दर्ज करके सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने राहत की सांस ली है.इस समय उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मची हुई थी. ऐसे मुश्किल समय में ऐसी अच्छी खबर मिलना उनके लिए बहुत अच्छा है सीसामऊ के नतीजों को देखकर ऐसा लगता है कि नसीम सोलंकी को जनता की सहानुभूति मिल गई है क्योंकि बीजेपी ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन इसके बावजूद बीजेपी कानपुर के सीसामऊ में सपा का किला ढ़हाने में कामयाब नहीं हो सकी.