मासूमों ने तो अपने मां-बाप के साथ 24 घंटे भी नहीं बिताए थे लेकिन कहते है न मौत के आगे किसकी चलती है. मौत के सामने तो भगवान की भी नहीं चली तो ये तो बेचारे मासूम थे. इस अग्निनकांड ने न कि पूरे प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला कर रख कर दिया था. जिसने भी इस मंजर को देखा वो अपने आसुओं को रोक नहीं पाया
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के NICU में हुए अग्निकांड ने कई मासूमों की जिंदगी शुरू होने से पहले ही खत्म कर दी. वो इस खूबसूरत दुनियां में आए तो थे लेकिन दुनिया देखने से पहले ही मौत ने उनको अपने आगोश में समा लिया. मासूमों ने तो अपने मां-बाप के साथ 24 घंटे भी नहीं बिताए थे लेकिन कहते है न मौत के आगे किसकी चलती है. मौत के सामने तो भगवान की भी नहीं चली तो ये तो बेचारे मासूम थे. इस अग्निनकांड ने न कि पूरे प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला कर रख कर दिया था. जिसने भी इस मंजर को देखा वो अपने आसुओं को रोक नहीं पाया. मां ने अपने जिगर के टुकड़ों को खोया उनकी दर्दभरी आवाजें आज भी लोगों के जहन में गूंज रही है. वो रो- रो कर पूछ रही है कि आखिर इस खौफनाक मंजर का जिम्मेदार कौन है ?
हादसे में जान गवाने वालों की संख्या हुई 15
बता दें मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में 15 नवंबर की रात भीषण आग लग गई थी. हादसे के वक्त वार्ड में 49 नवजात बच्चे भर्ती थे आग की चपेट में आने से 10 नवजातों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी. जबकि देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने जान की बाजी लगाकर बचे 39 बच्चों को आग की चपेट से बचाकर मौत के गले से बाहर निकाला और उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन पता नहीं उन मासूमों का क्या कसूर था कि बीते दिनों इलाज के दौरान 3 और मासूमों की मौत हो गई जिसके चलते इस मामले में मरने वाले बच्चों की संख्या 15 पहुंच गईं हैं. प्रशासन बच्चों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इसके बाजवूद बच्चों के मरने की खबरें सामने आ रही है
योगी सरकार रही पूरे कांड पर एक्टिव
इस कांड ने योगी की भी नींद उड़ा दी, यहां तक की खुद हादसे की जानकारी मिलते ही CM योगी ने तुरंत एक्शन लेते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को मौके पर भेज दिया था.साथ ही उस वक्त सीएम खुद चुनावी रैलियों में व्यस्त थे इसके बावजूद उन्होंने हादसे का अधिकारियों से लगातार संज्ञान लेते रहे साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.जिसके कुछ ही देर बाद सीएम ने पीड़ित परिवरों के दुख में मरहम लगाते हुए मुआवजे का ऐलान कर दिया. यूपी सरकार ने घायलों के परिजनों को 5-5 लाथ साथ ही मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता का ऐलान किया था. बता दें अग्निकांड हादसे में जिन मां-बाप ने अपने जिगर के टुकड़ों को खोया है, यूं तो उन्होंने अपना जो कुछ खोया है उसका कोई मोल नहीं है लेकिन फिर भी यूपी सरकार ने उनको आर्थिक सहायता देकर उनके जख्मों में मरहम लगाने का काम किया है.
नहीं हुई अब तक कोई भी सख्त कार्रवाई
हादसे के बाद प्रशासन तो जांच का दावा कर रहा है लेकिन अभीतक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाई है.15 मौतों के बाद भी रिपोर्ट में साफ नहीं हो पाया कि किसकी गलती के चलते NICU वार्ड लाशों से बिछ गया था. जांच पर जांच चल रही है लेकिन किसी पर आंच नहीं आई है, अब देखने वाली बात होगी कि यूपी सरकार इस मामले में कितनी सख्ती दिखाती है और दोषियों को कब सजा मिलेगी मिली जानकारी के मुताबिक यूरी सरकार ने टीम का गठन करके मामले की रिपोर्ट मांगी थी. वहीं जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है..लेकिन उसमें यह बात सामने आई है कि मेडिकल कॉलेज अग्निकांड एक हादसा था. कोई साजिश नहीं थी..