- अमृत स्नान पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
- महाकुंभ मे लगा भक्तो का ताता
- महाकुंभ मे भारी संख्या देख विदेश भी हैरान
प्रयागराज में शुरू हुए दिव्य भव्य और डिजिटल महाकुंभ मेले में मंगलवार को अमृत स्नान हुआ। वहां लोग की भारी भीड़ देखने को मिली बताया जा रहा है कि कुंभ मे अमृत स्नान पर करीब 3.5 करोड़ लोगो श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी।शाही स्नान सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे खत्म हुआ। इस दौरान जूना अखाड़ा समेत सभी 13 अखाड़ों के संतों ने स्नान किया।
महाकुंभ के सिर्फ दो दिनों मे लगभग 5 करोड़ लोगो ने आस्था की डुबकी लगाई है। आपको को बता दे कुंभ के मेले मे देश विदेश से लोग लगातार आ रहे है। 14 जनवरी मंगलवार को मकर सक्रांति के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में जानकारी दी। सीएम योगी ने सोशल मीडिया एक्स पर किए पोस्ट में लिखा कि आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन है।
आपको बता दें प्रयागराज मे लोगो को किसी भी तरह की परेशानी न हो उसके लिए योगी सरकार ने बेहतरीन व्यवस्था की है। कुंभ मे लोगो के आने की तादाद बढती ही जा रही है कुंभ के पहले दिन शाही स्नान पर 1 करोड़ से भी ज्यादा लोगो ने स्नान किया और दूसरे दिन अमृत स्नान पर करीब 3.5 करोड़ लोगो ने डुबकी लगाई। मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे नागा साधू साध्वी और करोड़ों भक्तों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई।
हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए। विदेश से आए भक्तों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया हैं। उनका कहना है कि वो खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें महाकुंभ में आने का मौका मिला। और साथ ही कहा ऐसा प्रेम कही नही ऐसी आस्था अद्भुत है।
मौसम विभाग के अनुसार दो दिनो मे हल्की बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जिससे ठंड बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। कड़ाके की ऐसी ठंड़ मे भी महाकुंभ में भारी संख्या मे भक्त उमड़ रहे है, न ही ठंका का डर न ही मौसम का 12 साल बाद लगे इस महाकुंभ मे लोगो की भक्ति और आस्था ने माहौल मौसम की कठिनाइयों को भी फीका कर दिया है।