इन दिनों डिजिटल ठगी के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है, लोगों के लालच, डर और लापरवाही के चलते बिना अपनी शक्ल दिखाए कोई आपका बैंक खाता तक खाली कर सकता है. ऐसे में भगवान भरोसे ना रहकर सतर्क और जागरूकता की बहुत जरूरत है।
डिजिटल ठगी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. आए दिन साइबर ठगों के ठगी के नए पैतरें लोगों के सामने खुलते हैं. वहीं इस तरह के साइबर ठगों से बचने के लिए पुलिस और सरकार लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विज्ञापन दे रही है. कहीं दूर बैठे साइबर अपराधी तकनीक के जरिए लोगों की जेब पर इसी तरह की ठगी का शिकार हो चुके हैं. वहीं अगर बचने का की बात करें तो एक ही उपाय है जागरूक रहें. क्योंकि लोगों के लालच, डर और लापरवाही के चलते बिना अपनी शक्ल दिखाए कोई आपका बैंक खाता तक खाली कर सकता है. ऐसे में भगवान भरोसे ना रहकर सतर्क और जागरूक भी रह सकती हैं. वहीं साइबर फ्रॉड को लेकर विशेषज्ञों की मानें तो विज्ञापनों से कुछ भी फायदा नहीं होगा. विज्ञापन तो रद्दी में चले जाएंगे. ऐसे में जिस तरह ‘लोहा-लोहे को काटता है’, उसी तहत डिजिटल तरीका अख्तियार करके ही फ्रॉड से डिजिटल तरीके से ही निपटना होगा. सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाकर लोगों को मुफ्त में एक ही सलाह रोज देना प्रभावी साबित होगा. इसके लिए स्कूलों में बच्चों को, कंपनियों में कर्मचारियों को और साइबर बचाव कैंप जैसे आयोजन करके जागरूक करें.
नए-नए तरीकों से हो रही साइबर ठगी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन) द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार उन 14 तरीकों को हाईलाइट किया गया था जिनसे स्कैमर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. मगर हकीकत ये है कि साइबर अपराधी बड़ी तेजी से नए-नए तरीके खोज रहे हैं.
एक्सपर्ट्स से जानिए कैसे कर रहे ठगी
साइबर एक्सपर्ट डॉ. वंदना गुलिया के मुताबिरक शहर से लेकर गांव तक लोगों के पास स्मार्टफोन मौजूद हैं. देखा जाए तो जामताड़ा जैसी छोटी जगह से बैठकर साइबर अपराधी लोगों को लूट सकते हैं और हम शहर में बैठकर भी लोगों को जागरूक तक नहीं कर पा रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह हमारा अप्रोच है. जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है. आलम ये है कि सरकार को सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाना चाहिए और शुल्क देकर विज्ञापन छपवाने की बजाय यूट्यूब, फेसबुक, एक्स समेत अन्य प्लेटफॉर्म का सदुपयोग करना चाहिए.
गुलिया ने कहा कि अमेरिका से लेकर जापान तक की सरकारें शत-प्रतिशत साइबर अपराध रोकने में नाकामयाब हैं. अगर अन्य देशों की सरकारें साइबर ठगी पर लगाम लगाने में कामयाब होतीं तो बिट्क्वाइन के पीछे कौन है या फिर ऐसी तमाम डिजिटल करेंसी की हकीकत का पता आसानी से लग जाता. यहां और वहां में फर्क सिर्फ इतना सा है कि उन्होंने लोगों को जागरूक करने का सही रास्ता अपना हुआ है. कई अहम कदम भी उठाए हैं केंद्र सरकार भी कदम उठा रही है लेकिन तकनीक की रफ्तार काफी ज्यादा तेज है.
कानून का डर दिखाकर करते है ठगी
साइबर ठग लोगों को कानून का डर दिखाकर फंसाते हैं और उनसे करोड़ों रुपये ऐंठ लेते हैं. ऐसे में शायद ही कुछ ऐसे लोग हों जिन्हें अपना रुपया वापस मिल गया हो, वहीं कई लोग तो पुलिस को जानकारी देने से भी कतराते हैं. ऐसे में साइबर ठगों के हौसले और बुलंद हो गए है. ठग लोगों की कमजोरियों का जोर-शोर से फायदा उठा रहे हैं. साइबर ठगों से बचने के लिए हमें ही हर पल सतर्क रहना चाहिए. साइबर ठगी के जाल में फंसने के लिए लोगों को हर स्थिति में इस बात को याद रखने की काफी जरूरत है कि कोई भी जांच एजेंसी लोगों को डिजिटली बंधक बनाकर पूछताछ नहीं करती. ऐसा होते ही अगर हम कॉल डिस्कनेक्ट कर दें तो हम बच सकते हैं.
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
मजबूत पासवर्ड बनाएं
- साइबर ठगी से बचने के लिए अपने सभी अकाउंट्स के लिए अलग-अलग और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें. पासवर्ड में अक्षर, संख्या और विशेष चिन्हों को जरूर शामिल करें.
- पब्लिक वाई-फाई से सावधान रहेंः पब्लिक वाई-फाई पर संवेदनशील जानकारी जैसे बैंकिंग डिटेल्स या पासवर्ड शेयर बिल्कुल ना करें.
- अनजान लिंक्स पर क्लिक न करेंः किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें.
- अपने डिवाइस को अपडेट रखेंः अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य डिवाइस को हमेशा अपडेट रखें.
- एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करेंः एक अच्छे एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें और इसे नियमित रूप से अपडेट भी करते रहें.
- टू-फैक्टर ऑथेटिकेशन का इस्तेमाल करेंः जहां भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेटिकेशन (Two-Factor Authentication) का इस्तेमाल करें. इससे आपको साइबर फ्रॉड से बचने में काफी मदद मिलेगी.
- पर्सनल डिटेल्स शेयर न करेंः किसी भी अजनबी के साथ अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर ना करें.
- फिशिंग हमलों से सावधान रहेंः फिशिंग हमलों में आपको फर्जी वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से आपकी पर्सनल डिटेल्स देने के लिए कहा जाता है.
- सोशल मीडिया पर सावधान रहेंः सोशल मीडिया पर अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को और मजबूत बनाएं और अजनबियों से सावधान रहें.
- जागरूक रहेंः साइबर फ्रॉड के बारे में जागरूक रहें और अपने परिचितों को भी इस बारे में जानकारी दें.
- लालच, डर और लापरवाही से बचेंः किसी मैसेज, कॉल, ईमेल, चैट, डिजिटल कॉल में यह ख्याल रखें कि आपका लालच, डर और लापरवाही आपको भारी पड़ सकता है. अकेले कोई फैसला न लें. भरोसेमंद लोगों से सलाह लें और पुलिस को जरूर सूचित करें.