डेरा सच्चा के प्रमुख राम रहीम को बचाने की चक्कर में पंजाब के पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल बुरी तरह से फंस गए. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते शिरोमणि अकाली दल की कार्य समिति को सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार करने के सख्त निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने नए अध्यक्ष को चुनने के लिए 6 महीनों के अंदर चुनाव करवाने के भी निर्देश दिए है।
सुखबीर सिंह बादल ने स्वीकारी गलती
पंजाब के पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल ने अपनी गलती स्वीकार की. पंजाब में अकाली सरकार के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वहीं इस मामले पर अकाल तख्त में पांच सिंह साहिबानों ने बैठक का आयोजन करके सजा सुनाई है. अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल के साथ उस वक्त की उनकी कैबिनेट के मंत्रियों को भी धार्मिक दुराचार के आरोपों सजा सुनाई है. सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने दो महीने पहले ही दोषी करार दिया था.
सुखबीर सिंह बादल को मिली सजा
अकाल तख्त ने सीएम सुखबीर सिंह बादल के साथ उनके कैबिनेट के मंत्रीयों को स्वर्ण मंदिर में बर्तन धुलने और शौचालय साफ करने की सख्त सजा सुनाई है साथ ही दोषियों के ऊपर आर्थिक दंड भी लगाया है. आगामी तीन दिनों के अंदर सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर हो जाएगा जिसके बाद नए अध्यक्ष के लिए आगामी 6 महीनों के भीतर चुनाव भी आयोजित करने के निर्देश दिए गए है.
प्रकाश बादल की ‘फकर-ए-कौम’ उपाधि भी छिनी
पंजाब में आकाली सरकार के कार्यकाल के दौरान विवादित डेरा सच्चा प्रमुख राम रहीम को दी गई माफी को ध्यान में रखते हुए पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल के पिता प्रकाश सिंह बादल को दी गई ‘फकर-ए-कौम’ उपाधि वापस ले ली गई है. साल 2007 में गुरमीत राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह की परंपरा की नकल करते हुए उनके ही जैसी ड्रेस पहनी थी साथ ही अमृत छलकाने का नाटक किया था.जिलके बाद इस मामले ने उस समय काफी तूल पकड़ा था और राम रहीम के ऊपर पुलिस में शिकायत दर्ज हुई थी. लेकिन उस वक्त की अकाली सरकार ने सजा दिलवाने की बजाय उसके खिलफ दर्ज मामले वापस ले लिए थे.
2007 में गरमाया था मामला
साल 2007 में अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए गुरमीत राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था. लेकिन उस समय सुखवीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए गुरमीत राम रहीम को माफी दिलवा दी थी. जिसके बाद सुखवीर सिंह के साथ अकाली दल और शिरोमणि कमेटी को सिख पंथ की नाराजगी का सामना करना पड़ा था. और सबसे आखिरी में अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस ले लिया था.और अकाली दल की सरकार के सीएम सुखबीर समेत पूरी कैबिनेट की जवाबदेही तय की थी.
पूर्व सीएम ने स्वीकार की गलती
अकाल तख्त के पांच सिंह साहिबानों के सामने सुखबीर बादल ने अपनी गल्ती स्वीकार की है. उन्होंने कहा था कि हमले भूल हुई है हमारी सरकार के दौरान बेअदबी हुई थी. हम दोषियों को सजा नहीं दे पाए जिसके बाद वहां मौजूद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने अपना फैसवा सुनाया और सभी को सजा सुनाई थी.
स्वर्ण मंदिर में सेवा के दौरान गले में पड़ी रहेगी तख्ती
मामले में सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाते हुए कहा गया कि उनको रोजाना दोपहर 12 से 1 बजे तक स्वर्ण मंदिर में शौचालयों की सफाई करेंगे. इसके बाद लंगर हॉल में जाकर 1 घंटे तक बर्तन धोएंगे. जिसके बाद वह एक घंटे तक कीर्तन करेंगे.इस दौरान उनके गले में तख्ती डाली जाएगी.वह फतेहगढ़ साहिब में सेवा करके अपनी सजा पूरी करेंगे