एक बार फिर से मुसलमानों के हक के लिए पूर्व मंत्री आजम खान ने कड़ा संदेश INDI गठबंधन को दिया है.
समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान एक बार फिर राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गए हैं. अक्सर विवादों में रहने वाले पूर्व मंत्री आजम खान एक बार फिर से मुसलमानों के हक के लिए उतर पड़े हैं. इस बार पूर्व मंत्री आजम खान ने जेल से इंडिया ब्लॉक को एक संदेश भेजा है. इस संदेश के माध्यम से आजम खान ने इंडिया ब्लॉक और सपा दोनों को मुसलमानों के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए कड़ी चेतावनी दे डाली है.
मुसलमानों पर साफ करें INDI गठबंधन अपनी स्थिति
पूर्व मंत्री आजम खान ने अपने संदेश में कहा है कि इंडिया ब्लॉक को मुसलमानों पर हो रहे हमलों पर अपनी नीति साफ करनी चाहिए. वरना मुसलमानों को अपने हालात और भविष्य को लेकर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी को भी लिखा कि संभल की घटना के जैसे ही रामपुर में हुए अत्याचार का मुद्दा भी संसद में उतनी ही मजबूती से उठाया जाना चाहिए. उनका कहना है कि रामपुर के सफल तजुर्बे के बाद ही सम्भल पर आक्रमण किया गया है. इतना ही नहीं आजम खान ने अपने संदेश में इंडिया गठबंधन को कठघरे तक में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि रामपुर की बर्बादी पर गठबंधन खामोश है और तमाशबीन बना रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन द्वारा मुस्लिम नेतृत्व को मिटाने की रणनीति अपनाई गई है. आजम ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि गठबंधन अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करता है, तो मुसलमानों को अपने भविष्य और राजनीतिक स्थिति पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
रामपुर से लेकर संभल मामले में बोली बड़ी बात
आजम खान ने अपने संदेश में मुसलमानों के राजनीतिक अधिकार और उनके वोट की प्रासंगिकता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. संदेश में आजम खान ने आगे लिखा है कि अगर मुसलमानों का वोट उनके अधिकारों के हनन और नस्लकुशी का कारण बन रहा है. तो अब समय आ गया है पुनर्विचार करने का, कि उनके वोट के अधिकार का क्या महत्व है? साथ ही आजम ने कहा कि मुसलमानों पर हो रहे हमले और मौजूदा हालात को लेकर राजनीतिक दलों को अपनी नीतियों को स्पष्ट करना होगा. आजम खान ने रामपुर में हुई घटनाओं को सम्भल की घटना का आधार बताते हुए कहा कि यह एक सोची-समझी रणनीति का अहम हिस्सा है. रामपुर में किए गए अत्याचार और वहां के लोगों को बेसहारा व अलग-थलग करने के बाद सम्भल जैसे क्षेत्रों पर हमला एक रणनीति के तहत किया गया. उन्होंने इसे मुसलमानों की बर्बादी और उनकी इबादतगाहों को विवादित बनाने की साजिश करार दे डाला है. आजम ने अपने संदेश में कहा कि देश की दूसरी आबादी को बर्बाद और नेस्तनाबूद करने का प्रयास केवल षड्यंत्र रचने वालों और दिखावे की हमदर्दी करने वालों की एक साजिश है. ऐसी परिस्थिति में मुसलमान खुद को बेसहारा और खून में नहाया हुआ महसूस कर रहे हैं.
इंडिया गठबंधन से स्पष्ट नीति की मांग
पूर्व मंत्री ने राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि मुसलमानों के वोट का मतलब तभी रहेगा, जब उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा राजनीतिक दलों द्वारा की जाएगी. उन्होंने इंडिया गठबंधन से स्पष्ट नीति की मांग करते हुए कहा कि अगर गठबंधन खामोश रहता है, तो यह मुसलमानों को अपने राजनीतिक भविष्य पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर होगा. देखा जाए तो आजम खान का ये संदेश मुसलमानों की हमदर्दी भरा जरूर है. मगर देखने वाली बात है कि जेल में होने के बाद भी उन्होंने अपनी राजनीतिक सूझबूझ दिखाते हुए मुसलमान वोट बैंक को एक तरह से अपने पक्ष में करने की कोशिश की है.