शादियों का सीजन चल रहा है. आने वाले कुछ दिनों तक चारों तरफ सिर्फ बैंड बाजे और शहनाइयां ही सुनाई देंगी. बात बेटी की शादी की हो तो तैयारियां पहले से शुरू हो जाती हैं. वहीं विदाई में उसे कई सारी चीजों और रीति रिवाज के साथ विदा किया जाता है.
शादियों का सीजन
देव उठनी एकादशी के दिन से शादियों का सीजन भी शुरू हो जाता है. अब आने वाले कुछ दिनों तक हर तरफ बैंड बाजे और शहनाइयों की ही आवाज सुनाई देगी.
बेटी की विदाई
शादी की जितनी खुशी और उत्साह रहता है, उतना ही गम बेटी की विदाई का भी होता है. जब बेटी पिता के आंगन में डोली पर बैठक विदा होती है, तो अभी की आंखें नम हो जाती हैं.
बेटी को उपहार
बेटी की विदाई के समय हर पिता अपने सामर्थ्य के अनुसार उसे कुछ ना कुछ उपहार जरुर देता है.
बेटी को ना दें ये चीजें
शास्त्रों के अनुसार बेटी को उसकी विदाई के वक्त कुछ चीजें कभी नहीं देनी चाहिए. ये चीजें कौन सी हैं, चलिए जान लेते हैं.
सुई या नुकीली चीजें
बेटी को विदाई के समय कभी भी सुई या कोई और नुकीली चीजें नहीं देनी चाहिए. ऐसा माना जाता है, कि इससे रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती है.
झाड़ू
शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी का झाड़ू में निवास माना जाता है. बेटी को विदाई में झाड़ू देने का मतलब ये होता है, कि आप अपने घर से मां लक्ष्मी को निकाल रहे हैं.
अचार
विदाई के समय बेटी को अचार नहीं देना चाहिए. खाने में अचार खट्टा होता है, जिस वजह माना जाता है कि इससे रिश्तों में खटास बढ़ सकती है.
छलनी
बेटी को विदाई में कभी भी रसोई में इस्तेमाल होने वाली छलनी नहीं दी जानी चाहिए. शास्त्रों के मुताबिक इससे वैवाहिक जीवन में दुख बना रह सकता है.