यूपी की राजनीति में दो नेताओं के बीच घमासान मचा हुआ है। योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल और सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल के बीच असहमति अब निजी स्तर पर आ गई है।
पॉलीटेक्निक संस्थाओं में विभागाध्यक्षों के पद पर पदोन्नति के मुद्दे पर उठे विवाद में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल और सपा की बागी विधायक डॉ. पल्लवी पटेल आमने-सामने आ गए हैं। एक दिन पहले आशीष के बयानों पर पल्ल्लवी ने रविवार को तीखा पलटवार करते हुए आशीष पटेल को कड़े शब्दों में जवाब दिया है। उन्होंने खुद को सरदार बल्लभ भाई पटेल का वंशज कहने वाले आशीष तो पटेलों के इतिहास के जयचंद हैं। अगर कोई लौहपुरूष का असली वंशज है तो वह हैं राजबहादुर पटेल, जिन्होंने मंत्री द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने के बाद भी उनके लूट-खसोट के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
बता दें कि प्राविधिक शिक्षा मंत्री के ओएसडी रहे राजबहादुर पटेल ने ही सबसे पहले पदोन्नति में अनियमितता का सवाल उठाया था। इसके बाद उन्होंने ओएसडी के पद से हटाकर प्राविधिक शिक्षा विभाग निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया था और हार में उनका तबादला रामपुर कर दिया गया है।
पदोन्नति घोटाला का खुलासा करने वाले राजबहादुर को मीडिया के सामने पेश करते हुए पल्लवी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्राविधिक शिक्षा मंत्री राजबहादुर का उत्पीड़न कर रहे हैं, लेकिन पटेल समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मंत्री के घोटाले को उजागर करने वाले पटेल समाज के व्यक्ति का उत्पीड़न नहीं रूका तो उनके नेतृत्व में कुर्मी समाज के लोग सड़क पर उतरेंगे।
पल्लवी ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व घोटाले का खुलासा सबसे पहले आशीष पटेल के पूर्व ओएसडी राज बहादुर पटेल ने किया है। पेशे से यह उनके ही विभाग में शिक्षक हैं। इन्होंने पदोन्नति के लिए हुई डीपीसी पर शुरू से ही आपत्ति जताई थी। इनकी बात नहीं सुनी गई तो इस्तीफा भी दिया। अब तो इनके परिवार को भी धमकी दी जा रही है। हद तो तब हो गई जब अभी 1 जनवरी को इनको कारण बताओ नोटिस देते हुए ट्रांसफर कर दिया गया।
सरकार को चुनौती देते हुए पल्लवी ने कहा कि अगर सरदार पटेल के वंशज के और मेरे समाज के किसी भी व्यक्ति को किसी भी पिछड़े को अगर प्रताड़ित किया गया तो कमेरा कुर्मी समाज सड़कों पर उतरेगा और सरकार को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाए जाने के बाद आशीष पटेल ने भी रविवार रात में सोशल मीडिया के जरिये निशाना साधा। आशीष ने पल्लवी का नाम लिए बगैर लिखा कि प्रायोजित धरना मास्टर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मेरे खिलाफ प्रायोजित षड्यंत्रों की पूरी पोल पट्टी खुल गई है। वह कुछ लोगों के इशारे पर मेरे खिलाफ बोल रही हैं। धीरे-धीरे सभी षड्यंत्रकारी एक मंच पर आना शुरू हो गए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद मेरा पूर्व ओएसडी राज बहादुर लोकसभा चुनाव के पहले से ही राजग प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल को हराने के लिए प्रयत्नशील साजिशकर्ताओं के संपर्क में था। पर्दे के पीछे का खेल बहुत हो गया, मुझे मर्यादा लांघने पर मजबूर न करें। मैंने मर्यादा लांघी तो बात बहुत दूर तक जाएगी।
पदोन्नति रद्द नहीं हुई तो अदालत की शरण लेंगेः राजबहादुर
इस मौके पर राजबहादुर ने भी पत्रकारों के सामने पदोन्नति में नियमों की अनदेखी किए जाने का बिंदुवार जानकारी दी। कहा कि ओएसडी रहते हुए मंत्री को मौखिक और लिखित रूप से इस वित्तीय अनियमितता के बारे में बताई थी। बोले, जब मैने इस संदर्भ में लिखा-पढ़ी की तो मुझे प्रताड़ित किए जाने लगा। अंततः मैं ओएसडी के पद से इस्तीफा दे दिया। प्रविधिकी की विभाग के अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री के नाजायज दबाव में पदोन्नति की नियम विरुद्ध प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार तत्काल पूरी प्रक्रिया को रद्द करके उक्त पदों पर सीधी भर्ती नहीं करती है तो हम न्यायालय का शरण लेंगे।