संगमनगरी में दिव्य, भव्य महाकुंभ लगने वाला है, जिसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है. इस बार महाकुंभ को लेकर डबल इंजन सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसा इंतजाम इस बार महाकुंभ को लेकर किया जा रहा है जिसकी भव्यता पूरी दुनिया देखेगी
संसार में सबसे अलग और अनूठी संगम नगरी. जहां गंगा-जमुना सरस्वती का संगम है. जहां कल-कल गंगा बहती है. जिसका अनूठापन सबको अपनी ओर आकर्षित करता है. अब उसी संगमनगरी में दिव्य, भव्य महाकुंभ लगने वाला है, जिसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है. इस बार महाकुंभ को लेकर डबल इंजन सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसा इंतजाम इस बार महाकुंभ को लेकर किया जा रहा है जिसकी भव्यता पूरी दुनिया देखेगी. साधु संतों से लेकर हर सनातनी का ध्यान रखते हुए सरकार ने मेगा प्लान बनाया है जिसकी चर्चा अभी से चारों ओर सुनाई दे रही है. वैसे तो हर बार के कुंभ में कुछ ऐसा होता है जिसके बारे में जानकर अलग तरह की आध्यात्मिक खुशी मिलती है. लेकिन इस बार के कुंभ में शिवभक्तों के लिए खास इंतजाम किया गया है, महाकुंभ में इस बार द्धादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन संगमनगरी से ही अब हो सकेंगे, जिसके लिए भव्य तैयारियां की जा रही है.
मंदिरों की महिमा और पुराणों की दिखेगी दिव्यता
दरअसल प्रयागराज के नैनी में अरैल तट पर शिवालय पार्क का निर्माण किया जा रहा है, करीब 18 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा ये पार्क 11 एकड़ में फैला है, जिसमें भारतीय संस्कृतिक, मंदिरों की महिमा और पुराणों की दिव्यता देखने को मिलेगी, शिवालय पार्क का ये स्थल न केवल कला और संस्कृति का केंद्र होगा, बल्कि प्रकृति और मनोरंजन का भी संगम पेश करेगा. इसमें देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रतिरूप उनके वास्तविक स्थानों के अनुसार बनाए जा रहे हैं, इन मंदिरों में 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ भारत और नेपाल के अन्य प्रमुख शिवालय शामिल होंगे. जिसके दर्शन कर भक्त अभिभूत हो जाएंगे. इन मंदिरों में सबसे खास 12 द्धादश ज्योतिर्लिंग है. जिसमें प्रमुख मंदिरों के प्रतिरूप देखेंगे.
प्रमुख मंदिरों के प्रतिरूप
सोमनाथ मंदिर (गुजरात)
मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (आंध्र प्रदेश)
महाकालेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश)
ओंकारेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश)
बैद्यनाथ मंदिर (झारखंड)
भीमाशंकर मंदिर (महाराष्ट्र)
रामनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु)
नागेश्वर मंदिर (गुजरात)
काशी विश्वनाथ मंदिर (उत्तर प्रदेश)
त्र्यंबकेश्वर मंदिर (महाराष्ट्र)
केदारनाथ मंदिर (उत्तराखंड)
घृष्णेश्वर मंदिर (महाराष्ट्र)
इनके अलावा अन्य प्रमुख मंदिरों में
बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश)
पशुपतिनाथ (नेपाल)
लिंगराज (ओडिशा)
वीरभद्र (आंध्र प्रदेश)
महाबलीपुरम का शोर मंदिर (तमिलनाडु)
वेस्ट मैटेरियल से तैयार किया जा रहा शिवालय पार्क
बता दें 11 एकड़ के इस पार्क में भंगार से कुल 22 कलाकृतियां तैयार की गई हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ 1 समुद्र मंथन, 1 नंदी प्रतिमा, 1 शिव त्रिशूल, 7 शिव मंदिर भी पार्क में बनाए जा रहे हैं, बता दें ये स्थल देशभर से महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आध्यात्मिकता और मनोरंजन का अनूठा संगम होगा. रिपोर्ट्स की मानें तो पार्क के निर्माण में वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है. इसके साथ ही यहां बच्चों के लिए भी एक खास जोन बनाया जा रहा है, जहां वे खेलकूद और अन्य गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा पार्क में तुलसी और संजीवनी वन भी बनाया जा रहा है, वहीं परिवार के लिए फूड कोर्ड और रेस्टोरेंट की भी व्यवस्था की जा रही है.