प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से की जा रही हैं.
जनवरी महीने में शुरू होने जा रहे भव्य और दिव्य महाकुंभ 2025 के लिए केंद्र सरकार ने खजाना खोल दिया है. प्रयागराज में शुरू होने वाले इस सबसे बड़े सांस्कृतिक व आध्यात्मिक समागम महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान स्वीकृत कर दिया है. इतना ही नहीं सरकार ने इसकी पहली किस्त 1050 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए हैं. बता दें कि महाकुंभ के आयोजन पर उत्तर प्रदेश सरकार 5435.68 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. ये धनराशि 421 परियोजनाओं पर खर्च की जा रही है. प्रदेश सरकार की ओर से अब तक 3461.99 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति जारी कर चुकी है.
महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा
वहीं केंद्र सरकार द्वारा दिए गए इस तोहफे से महाकुंभ का आयोजन और दिव्य, भव्य व डिजिटल तरीके से करने में मदद मिलेगी. इस बार महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि तक चलने वाला है. भारतीय संस्कृति में कुंभ मेले का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. जो प्रत्येक 12 साल में एक विशेष स्थान पर आयोजित किया जाता है. बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए इस विशेष सहायता अनुदान के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अनुरोध किया गया था.
महाकुंभ में विशेष स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी
महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. मेला क्षेत्र में परेड ग्राउंड पर 100 बेड का मुख्य अस्पताल लगभग तैयार हो चुका है. परेड ग्राउंड पर बन रहे 100 बेड के इस अस्पताल में मेल, फीमेल और चिल्ड्रन वार्ड अलग-अलग बनाए जा रहे हैं. यहां पर डिलीवरी रूम, इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टर्स रूम भी होंगे.
चार तीर्थ स्थलों पर आयोजित किया जाता है महाकुंभ
प्रयागराज में हर 12 साल पर महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. महाकुंभ का आयोजन चार तीर्थ स्थलों पर किया जाता है. जिसमें प्रयागराज के संगम के तट पर, हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर, उज्जैन में शिप्रा के तट पर और नासिक में गोदावरी नदी के तट पर किया जाता है.