सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली जिन्होंने एक ही कोच की शरण में मैदान पर कदम रखे और एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए. दो ऐसे दोस्त जिनकी दोस्ती की मिसालें दी जाती थी. आज वो दोनों दोस्त ऐसे अलग हुए हैं कि एक तो दूसरे का साथ चाहता है मगर दूसरा उससे अपना पीछा छुड़ाना चाहता है.
कहते हैं मां-बाप और भाई-बहन ऐसे रिश्ते हैं जो भगवान हमारे लिए तय करते हैं. मगर इस दुनिया में एक रिश्ता ऐसा भी होता है. जिसे हम खुद बनाते हैं और अगर हमारी नीयत सामने वाले के प्रति साफ है तो उसे ईमानदारी से निभाते भी हैं. ये रिश्ता होता है दोस्ती का. एक ऐसा दोस्त जिससे हम अपने मन की बात जो किसी से भी नहीं कह सकते वो कह लेते हैं. एक ऐसा दोस्त जो हमें जज नहीं करता और हमें हमारी गलती होने पर हमें टोकता है. वहीं अगर ऐसी ही पक्की दोस्ती में किसी बात की वजह से दरार आ जाए तो पूरी उम्र भी लग जाए मगर वो दरार भर नहीं पाती है. हम बात कर रहे हैं मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की दोस्ती की.
कांबली की हालत देख फैंस परेशान
सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली जिन्होंने एक ही कोच की शरण में मैदान पर कदम रखे और एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए. दो ऐसे दोस्त जिनकी दोस्ती की मिसालें दी जाती थी. आज वो दोनों दोस्त ऐसे अलग हुए हैं कि एक तो दूसरे का साथ चाहता है मगर दूसरा उससे अपना पीछा छुड़ाना चाहता है. ऐसा हम नहीं बल्कि ये तो इन दोनों के एक्शन और रिएक्शन से साफ हो रहा है. आज विनोद कांबली की हालत देख हर किसी की आंखें नम हैं. हर किसी के जेहन में ये सवाल आ रहा है कि जिस खिलाड़ी ने सचिन के साथ अपना करियर शुरु किया. जिसे एक वक्त में सचिन से बेहतर बल्लेबाज माना जाता था. जिस खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में सचिन से भी तूफानी शुरुआत की थी. जिस खिलाड़ी से सचिन की गहरी दोस्ती थी. जिस खिलाड़ी के साथ लंबी पार्टनरशिप करके सचिन को पहचान मिली थी. उस खिलाड़ी के साथ सचिन ने बात करनी बंद क्यों कर दी थी. आखिर सचिन और कांबली की दोस्ती के बीच दरार क्यों आई थी. कौन सी बात ने दोनों को एक दूसरे से दूर कर दिया. सब आपको बताते हैं.
1992 वर्ल्ड कप के वक्त हुआ था विवाद
दरअसल सचिन और कांबली के बीच विवाद की वजह का किस्सा संजय मांजरेकर ने बताते हुए कहा कि ये बात साल 1992 वर्ल्ड कप की है. कांबली पहली बार विश्व कप में हिस्सा ले रहे थे. उन्हें अनुभव नहीं था इसलिए मौके नहीं मिल रहे थे. वहीं मांजरेकर और सचिन हर मैच खेल रहे थे. उस विश्व कप का जिक्र करते हुए मांजरेकर ने बताया कि तब हर मैच के बाद कांबली सचिन के पास आते थे और उनकी बैटिंग की आलोचना करते थे और तेज खेलने के लिए सलाह देते थे. जिम्बाब्वे के खिलाफ एक मैच में सचिन और मांजरेकर ने अच्छी बैटिंग की थी. इसके बावजूद कांबली ने आकर कहा कि मैच को जल्दी जीता जा सकता था. उन्होंने सचिन को कहा कि औसत गेंदबाज के सामने चौके-छक्के लगाने चाहिए थे. जबकि वह सिंगल ले रहे थे. हालांकि बाद में जब उन्हें मौका मिला तो पाकिस्तान के खिलाफ वो खुद 41 गेंद में 24 रन बना सके थे. इस पर सचिन ने भी उनसे सवाल किया था. उसके बाद दोनों की दोस्ती मे दरार आ गई.
बुरे समय में छोड़ा सचिन ने कांबली का साथ
सचिन और कांबली के बीच दरार का एक और कारण था. जिसकी वजह थी कि विनोद कांबली ने एक रिएलिटी शो के दौरान सचिन पर बुरे समय में मदद ना करने के आरोप लगा दिए थे. इससे दोनों की दोस्ती पर गहरा असर पड़ा था. सचिन को कांबली की ये बात इतनी बुरी लगी थी कि उसके बाद दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई. खबर है कि कई सालों तक दोनों ना तो मिले और ना ही कोई बात की. हैरानी तो तब हुई जब सचिन ने अपने रिटायरमेंट के समय स्पीच देते हुए भी अपने बचपन के दोस्त कांबली के नाम का कोई जिक्र तक नहीं किया था. मतलब साफ था कि सचिन और कांबली के बीच सबकुछ ठीक नहीं था.
एक महान तो दूसरी जी रहा मुफलिसी की जिंदगी
बचपन के दो दोस्त जिन्हें टीम इंडिया का भविष्य माना जा रहा था. उनमें से एक तो आज दुनिया का सबसे महान खिलाड़ी बन गया है और एक मुफलिसी की जिंदगी गुजार रहा है. विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर को मुंबई के कोच रमाकांत आचरेकर ने ट्रेनिंग दी थी. हाल ही में जब दोनों दोस्त उनके मेमोरियल के उद्घाटन पर पहुंचे थे. तो कांबली की हालत देखकर हर कोई हैरान रह गया. सचिन उनसे मिलने के दौरान काफी असहज दिख रहे थे. कांबली ने उन्हें पकड़कर थोड़ी देर रोकने की कोशिश की थी. लेकिन सचिन हाथ छुड़ाकर दूसरी ओर जाकर बैठ गए. जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि बुरे वक्त में सचिन को कांबली का साथ देना चाहिए. देखा जाए तो बात कोई बड़ी हो या छोटी कहते हैं समय हर जख्म भर देता है. सचिन और कांबली के हालात और समय के देखते हुए हमारा तो ये ही कहना है कि एक दोस्त को दूसरे दोस्त का साथ कंधे से कंधा मिलाकर देना चाहिए. जिंदगी में जो हो गया सो हो गया. एक समय पर हम अगर अपने अपनों को उनकी बेरुखी के लिए माफ कर सकते हैं तो एक दोस्त को क्यों नहीं.